उत्तराखंड बना वैश्विक निवेश का केंद्र, आयुष, पर्यटन और संस्कृति पर हुई रणनीतिक चर्चा
हरिद्वार: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर हरिद्वार में आयोजित एक विशेष बैठक में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस जैसे देशों के राजदूतों और प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के साथ आयुष, पर्यटन और संस्कृति क्षेत्रों में निवेश को लेकर विस्तृत चर्चा की।
उत्तराखंड की रणनीति: पर्यटन, हवाई कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर फोकस
बैठक में उत्तराखंड सरकार की ओर से सचिव श्री सचिन कुर्वे ने राज्य में पर्यटन विकास से संबंधित प्रमुख योजनाओं और संरचनात्मक सुधारों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में वर्तमान में 3 ऑपरेशनल एयरपोर्ट (देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़) और 8 हेलीपोर्ट हैं, जो दूरस्थ क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को सशक्त बनाते हैं।
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इसके अलावा राज्य में 46,000+ किमी का सड़क नेटवर्क है, जो हर मौसम में तीर्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़े रखता है। उन्होंने बताया कि मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर रोपवे परियोजनाएं कार्यरत हैं, जिससे वैकल्पिक परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है।
आधुनिक बुनियादी ढांचे और हरित पहल का समावेश
प्रस्तुति के दौरान सचिव ने यह भी साझा किया कि टिहरी झील को जल और हवाई खेलों के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं, जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट का पुनर्विकास भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।
केदारनाथ और बदरीनाथ को प्लास्टिक-विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया है। साथ ही राज्य में बायो डाइजेस्टर शौचालय और 5500+ लोगों को आतिथ्य क्षेत्र में प्रशिक्षण जैसे नवाचार राज्य को स्वच्छ और निवेशोन्मुख बना रहे हैं।
आयुष व वेलनेस के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं
अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि उत्तराखंड न केवल योग और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है, बल्कि आयुष और वेलनेस इंडस्ट्री के लिए एक उभरता हुआ हब भी है। हिमालयी जलवायु, प्राकृतिक वातावरण, कानून व्यवस्था और पारदर्शी नीतियां राज्य को वेलनेस टूरिज्म और हेल्थ इन्वेस्टमेंट के लिए आदर्श बनाती हैं।
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राज्य के पास पहले से ही आयुष सेवाओं के लिए मजबूत आधारभूत संरचना और प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध है, जिससे यह क्षेत्र भविष्य में और अधिक निवेश आकर्षित कर सकता है।
उत्तराखंड की निवेश अनुकूल नीतियों पर वैश्विक ध्यान
उद्योग निदेशक श्री जी.एम. चंदोला ने बैठक में राज्य सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीतियों और उद्योगों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में निवेश के लिए बेहतर नियम, बुनियादी ढांचा और अनुकूल वातावरण उपलब्ध है।
बैठक में शामिल हुए अंतरराष्ट्रीय राजदूत और प्रतिनिधि
बैठक में भारत में तैनात कई देशों के उच्च पदस्थ राजनयिक और अधिकारी शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से:
- मेक्सिको के राजदूत श्री फेडेरिको सालास।
- फिजी के हाई कमिश्नर श्री जगन्नाथ सामी।
- नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा।
- सूरीनाम के राजदूत श्री अरुणकोमर हार्डियन।
- मंगोलिया के राजदूत श्री डंबाजाविन गैंबोल्ड।
- लातविया के डिप्टी हेड श्री मार्क्स डीतॉन्स।
- श्रीलंका उच्चायोग से श्री लक्ष्मेंद्र डिसनायके।
- रूस की ओर से क्रिस्टिना अनानीना और कैटरीना लज़ारेवा।
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इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति ने उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर आयुष, पर्यटन और निवेश के उत्कृष्ट गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया।